CT PT Transformer in Hindi – पूरी जानकरी (2023)

CT PT Transformer in Hindi – विद्युत उपकरण को सुरक्षा के उद्देश्य से उच्च वोल्टेज पर सीधे नहीं जोड़ सकते हैं। इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफॉर्मर जैसे वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर और करंट ट्रांसफॉर्मर का इस्तेमाल इलेक्ट्रिकल इंस्ट्रूमेंट्स को मेजरमेंट इंस्ट्रूमेंट्स से जोड़ने के लिए किया जाता है। ये ट्रांसफॉर्मर वोल्टेज और करंट को हाई वैल्यू से कम वैल्यू तक कम करते हैं जिसे पारंपरिक इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा मापा जा सकता है।

करंट और पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर का निर्माण समान होता है क्योंकि दोनों की प्राइमरी और सेकेंडरी वाइंडिंग में मैग्नेटिक सर्किट होता है। लेकिन वे काम करने के तरीके में भिन्न हैं। वोल्टेज और करंट ट्रांसफॉर्मर में कई तरह के अंतर होते हैं।

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उनके बीच एक बड़ा अंतर यह है कि करंट ट्रांसफॉर्मर करंट के हाई वैल्यू को लो वैल्यू में बदल देता है जबकि पोटेंशियल या वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर वोल्टेज के हाई वैल्यू को लो वोल्टेज में बदल देता है। तुलना चार्ट में Current Transformer(CT Transformers) और PotentialTransformer(PT Transformers) के बीच कुछ अन्य अंतरों को नीचे समझाया गया है।

CT PT Transformer in Hindi
CT PT Transformer in Hindi

CT PT Transformer in Hindi : Comparison Chart

Basis for ComparisonCurrent Transformer(CT Transformers)PotentialTransformer(PT Transformers)
DefinitionTransform the current उच्च मान से निम्न मान में बदलना। Transform the Voltage वोल्टेज को उच्च मान से निम्न मान में बदलना।
Circuit Symbol
Coreआमतौर पर सिलिकॉन स्टील के लेमिनेशन के साथ बनाया जाता हैयह उच्च गुणवत्ता वाले स्टील के साथ बनाया जाता है
Primary Windingयह Current को वहन करता है जिसे मापा जाना है । यह उस वोल्टेज को वहन करता है जिसे मापा जाना है।
Secondary Windingयह यंत्र की करंट वाइंडिंग से जुड़ा होता है।यह मीटर या यंत्र से जुड़ा होता है।
Connectioninstrument के साथ श्रृंखला में जुड़ा हुआ हैउपकरण के समानांतर में जुड़ा हुआ है।
Primary Circuitकम संख्या में Turns हैंबड़ी संख्या में turns हैं
Secondary Circuitबड़ी संख्या में मोड़ हैं और खुले सर्किट नहीं हो सकते हैं।कम संख्या में मोड़ हैं और खुले सर्किट हो सकते हैं।
Range5A or 1A110v
Transformation RatioHighLow
Burden/ भार द्वितीयक भार /बोझ पर निर्भर नहीं करता हैद्वितीयक भार पर निर्भर करता है
Inputconstant Current Constant voltage
Full line currentप्राथमिक वाइंडिंग में फुल लाइन करंट होता है।प्राथमिक वाइंडिंग में फुल लाइन वोल्टेज होता है।
Typestwo types – closed core & wound core two type -Electromagnetic and Capacitor voltage
ImpedancelowHigh
Applicationsसुरक्षात्मक रिले के संचालन के लिए वर्तमान और बिजली को मापना, पावर ग्रिड संचालन की निगरानी करना,मापन, शक्ति स्रोत, ऑपरेटिंग सुरक्षात्मक रिले,
Comparison Chart ct pt / ct pt transformer in hindi
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Definition of Current Transformer

इसका उपयोग एसी उपकरणों के साथ करंट के उच्च मूल्य को मापने के लिए किया जाता है।CT का मतलब करंट ट्रांसफार्मर होता है। जिसका मुख्य काम इलेक्ट्रिकल सिस्टम में बहने वाली ज्यादा करंट को कम करना होता है।जब किसी भी सिस्टम में काफी ज्यादा मात्रा में करंट फ्लो होता है, तब उस करंट को मेजर/(मापने) करने के लिए जिसका मतलब यह है की कितना करंट चल रहा है, उसको पता करने के लिए ही CT को लगाते है।

यहाँ पर हम क्लैंप मीटर का उपयोग नही कर सकते है। क्योंकि क्लैंप मीटर की भी एक लिमिट होती है, कि उस पर ज्यादा से ज्यादा कितना तक करंट को चेक किया जा सकता है।जिस कारण से जहाँ पर भी हमे ज्यादा करंट को चेक करना होता है, वहाँ पर हमारे पास सिर्फ एक ही डिवाइस होता है। जिसका नाम सीटी मतलब करंट ट्रांसफार्मर होता है।

Definition of potential transformer : Potential transformer in hindi

वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर एक प्रकार का इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफॉर्मर ही होता है जिसका उपयोग वोल्टेज को उच्च मान से कम मान में बदलने के लिए किया जाता है।

Potential Transformer का प्राथमिक टर्मिनल लाइन वोल्टेज को मापने के लिए लाइन से जुड़ा होता है। Potential Transformer ने वोल्टेज के उच्च मूल्य को छोटे मूल्य में कम कर दिया जिसे आसानी से वोल्टमीटर या मीटर द्वारा मापा जा सकता है।

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CT PT difference (CT और PT में अंतर)

1.करंट ट्रांसफार्मर CT का उपयोग करंट के वैल्यू को मापने के लिए करते है, जबकि पोटेंशनल ट्रांसफार्मर PT का उपयोग वोल्टेज मापने में होता है।

2.PT को समानांतर में सिस्टम के साथ जोड़ा जाता है, जबकि CT को सीरीज/series में जोड़ा जाता है।

3.CT RATIO की रेंज 1एम्पेयर और 5 एम्पेयर के बीच में आती है, जबकि PT RATIO की रेंज 110 वोल्टेज में आती है।

4.CT से निकले आउटपुट पैरामीटर को हम एम्पेयर मीटर के साथ जोड़ा जाता है, जबकि PT के आउटपुट को वोल्ट मीटर के साथ जोड़ते है।

5.PT स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर होता है, जबकि CT स्टेपअप ट्रांसफार्मर होता है।

Q- ट्रांसफार्मर में सीटी और पीटी क्या है?

Ans- PT को हम वोल्टेज मापने के लिए इस्तेमाल करते हैं, इसे पोटेंशिअल ट्रांसफार्मर कहते हैं, इसे वोल्टेज ट्रांसफार्मर भी कह देते हैं।CT को करंट मापने के लिए इस्तेमाल करते हैं, इसको करंट ट्रांसफार्मर कहते हैं।

Q- CT और PT का उपयोग क्यों किया जाता है?

Ans- CT और PT दोनों मापने वाले उपकरण होता हैं जिनका उपयोग धाराओं और वोल्टेज को मापने के लिए किया जाता है। उनका उपयोग वहां किया जाता है जहां बड़ी मात्रा में धाराओं और वोल्टेज का उपयोग किया जाता है।

निष्कर्ष :

आज अपने इस पोस्ट (CT PT Transformer in Hindi) में मैंने आपको Definition of Current Transformer के साथ Definition of पोटेंशियल Transformer के बारे में बताया । साथ ही इनके बीच के अंतर को भी बताया । आशा करते है आपने मेरे इस पोस्ट को पूरा पढ़ा होगा । पोस्ट पसंद आने पर शेयर जरूर करे ।

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