DC Generator in Hindi (डीसी जनरेटर)

DC GENERATOR IN HINDI : आज के अपने इस पोस्ट में Dc generator के विषय में , इसके बारे में सम्पूर्ण जानकरी , जैसे construction of dc generator in hindi & working principle of dc generator जैसे विषयो पर इस पोस्ट में विस्तार से जानकरी देंगे ।

काफी सालो पहले तक बिजली के जनरेशन तथा वितरण जैसे कार्यो में Dc generator का प्रयोग होता था ।आज के समय थोड़ा इसका महत्व कम हुआ है , लेकिन खत्म नहीं हुआ है , इसका उपयोग आज भी बहुत जगह बरकरार है ।

आपको मालूम DC जनरेटर के बारे में , इसके Working principle of DC-जनरेटर के बारे में , बहुत बार जॉब इंटरव्यू या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में भी DC-Generator के बारे में बताया जाता है ।

DC Generator in Hindi (डीसी जनरेटर)
DC Generator in Hindi (डीसी जनरेटर)

Dc generator in Hindi – डीसी जनरेटर क्या है

डीसी (या डायरेक्ट करंट) जनरेटर एक उपकरण है जो विद्युत ऊर्जा को युग्म करता है और डायरेक्ट करंट (DC) के रूप में बचाता है। इसे डीसी जनरेटर या डीसी जनरेटर भी कहा जाता है। यह विभिन्न आवश्यकताओं के लिए उपयोग होता है, जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहन, सोलर पावर संयंत्र, और विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति के लिए।

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डीसी जनरेटर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंद्रियों और कंम्यूटेटर (या स्लिप रिंग) के साथ निर्मित होता है, जिनका उपयोग करके इसमें विद्युत ऊर्जा को युग्म किया जाता है। इसके बाद, यह उत्पन्न विद्युतीय धारा एक विद्युत उपकरण या विद्युतीय प्रणाली के लिए उपयोग हो सकती है। यह जनरेटर मुख्य रूप से इंटरनल कंबस्टियन इंजन, पानी के प्रवाह यंत्र, और विद्युतीय प्रणालियों के साथ उपयोग होता है।

डीसी जनरेटर विद्युत मोटर के विपरीत होता है, क्योंकि यह विद्युत ऊर्जा को युग्म करता है जबकि विद्युत मोटर ऊर्जा को युग्म करता है। इसका प्रमुख उद्देश्य वातावरण के बाहर से विद्युत ऊर्जा को युग्म करना होता है, जिसे युग्मित करके विद्युत व्यापार और उपयोग किया जा सकता है।

डीसी जनरेटर का महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह स्थायी और स्थायी विद्युत युग्म उत्पन्न कर सकता है, जिसे विभिन्न इलेक्ट्रिकल उपकरणों के लिए उपयोग किया जा सकता है जो सीमित या अनिश्चित विद्युतीय संसाधनों से चलने वाले होते हैं।

Working Principle of DC Generator In Hindi :

डीसी जनरेटर का कार्य सिद्धांत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंद्रियों के आधार पर काम करता है। इसके कार्य सिद्धांत को हिंदी में समझाया जाए तो इसका मूल सिद्धांत है विद्युतीय उत्पादन का लेन-देन, यानी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंद्रिय का उपयोग करके मैकेनिकल ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करना। इसके द्वारा एक स्थिर धारा में विद्युत प्रवाह उत्पन्न किया जाता है।

डीसी जनरेटर में प्रमुखतः दो घटक होते हैं: फ़ील्ड कॉइल और कम्यूटेटर। फ़ील्ड कॉइल एक मैगनेटिक फ़ील्ड उत्पन्न करते हैं और कम्यूटेटर यह सुनिश्चित करता है कि उत्पन्न हुई विद्युत धारा एकदिशीय रूप से बहे।

काम करने की प्रक्रिया का विवरण निम्नानुसार है:

1.जब डीसी जनरेटर को मैकेनिकल ऊर्जा सरंचना मिलती है, तो शुरुआत में फ़ील्ड कॉइल के द्वारा एक मैगनेटिक फ़ील्ड उत्पन्न होता है।
2.मैगनेटिक फ़ील्ड में उत्पन्न धाराओं की मदद से यह मैगनेटिक फ़ील्ड आवर्तनी करता है। आवर्तनी के परिणामस्वरूप एक बाहरी धारा उत्पन्न होती है।
3.इस बाहरी धारा को कम्यूटेटर द्वारा निर्देशित किया जाता है। कम्यूटेटर एक इलेक्ट्रिकल स्विच के रूप में कार्य करता है और धारा के विद्युतीय धाराओं की दिशा को परिवर्तित करता है।
4.कम्यूटेटर के परिवर्तन के कारण, उत्पन्न हुई विद्युत धारा एकदिशीय रूप से बहती है। यह बहती धारा स्थिर और युग्मित डीसी विद्युतीय उत्पादन को प्रदान करती है।

इस प्रक्रिया के माध्यम से, डीसी जनरेटर मैकेनिकल ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है और एक स्थिर और निरंतर डीसी विद्युत प्रवाह उत्पन्न करता है।

DC generator जो की फैराडे के इलेक्ट्रो मेग्नेट प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है ।

Faraday’s 1st एंड 2nd law of electromagnetic induction in Hindi

यदि किसी चालक को चुंबकीय क्षेत्र में तीव्र गति से घुमाया जाता है तो चालक में एक Voltage उत्पन्न हो जाती  हैं तब उस चालक में विद्युत वाहक बल अर्थात ईएमएफ उत्पन्न हो जाता है 
चालक में उत्पन्न एमएफ का मान चालक द्वारा काटे जाने वाले फ्लक्स कि दर के समानुपाती होता है

उत्पन्न वोल्टेज AC- मे होता है । जिसको Commutator के माध्यम से DC में Convert होता है । जिस कारण से ही हमें DC Voltage milta है ।

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Parts of DC Generator in Hindi :

1शाफ़्ट (Shaft)
2बियरिंग्स (Bearings)
3एंड कवर (End Cover)
4ब्रश (Brushes)
5डीसी जेनरेटर में कम्यूटेटर (Commutator)
6आर्मेचर वाइंडिंग्स (Armature Winding)
7आर्मेचर कोर (Armature Core)
8आर्मेचर (Armature)
9क्षेत्र कुंडल (Field or Exciting Coils)
10पोल कोर और पोल शूज़ (Pole Core and Pole Shoes)
11चुंबकीय फ्रेम और योक (Magnetic Frame and Yoke)
12डीसी जनरेटर के चुंबकीय क्षेत्र  (Field Coil)
dc generator In Hindi

1-शाफ़्ट (Shaft)-

DC Generator में शाफ़्ट (Shaft) पर ही आर्मेचर, कूलिंग फैन, तथा कमयुटेटर लगे हुए होते है

2-बियरिंग्स (Bearings) –

बेयरिंग को सबसे अंतिम के भाग में फिट किया जाता है। बीयरिंग का मुख्य कार्य मशीन के घूमने वाले और स्थिर भागों के बीच के घर्षण को कम करना होता है। सबसे अधिक मात्रा में उच्च कार्बन स्टील का उपयोग बीयरिंग के बनाने के लिए किया जाता है , क्योकि ये बहुत ही अधिक कठोर होता है ।

3-एंड कवर (End Cover)

किसी भी डीसी जनरेटर के दोनों सिरों पर एंड कवर लगा होता है जिसमें बियरिंग होता है, एंड कवर के माध्यम से ही आर्मेचर शाफ़्ट को चुंबकीय क्षेत्र में बहुत ही आसानी से घुमा सकते हैं ।

4- ब्रश (Brushes)

कार्बन ब्रश के मदद से ही आर्मेचर वाइंडिंग से करंट को एकत्र किया जाता है। इस कार्य के लिए 2 या उससे अधिक कार्बन ब्रश का इस्तेमाल किया जाता है ।हरेक ब्रश को धातु से बने बॉक्स में रखा जाता है जिसको ब्रश बॉक्स या ब्रश होल्डर भी कहा जाता है । ब्रश कम्यूटेटर पर दबाए जाते हैं और आर्मेचर वाइंडिंग और बाहरी सर्किट के बीच कनेक्टिंग लिंक बनाते हैं।

आम तौर पर ब्रश जो की बहुत ही उच्च श्रेणी के कार्बन से बने होते हैं ।कार्बन पदार्थ करंट का संचालन करता है और एक ही समय में पाउडर के रूप में कम्यूटेटर सतह पर एक चिकनाई भी प्रदान करता है।

5-डीसी जेनरेटर में कम्यूटेटर –

कम्यूटेटर, जो की आर्मेचर के साथ ही घूमता है यह आकर में बेलनकार होता है , कम्यूटेटर जो की सेगमेंट आर्मेचर कॉइल के सिरों से जुड़ा हुआ है। यह dc generator- का महत्वपुर्ण और जरुरी भाग होता है ,जनरेटर में उतपन्न अल्टरनेटिंग करंट को डीसी जेनरेटर करंट में परिवर्तित करने का कार्य करता है ।

6-आर्मेचर :

Armature in Hindi
Parts of dc generator

DC जनरेटर के घूमने वाले भाग को आर्मेचर के नाम से जाना जाता है । इसमें एक शाफ़्ट होता है , इन शाफ़्ट पर लेमिनेटेड सिलेंडर लगे हुए होते है । इसको Armature Core कहते है । इसमें ही emf उत्पन्न  होती है यह सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है , किसी भी dc जनरेटर का ।

7 – Armature Winding :

यह एक ऐसा जगह होता है जहा पर ही विधुत वाहक बल उतपन्न होते है , यह dc जनरेटर का सबसे सेंसटिव और सबसे जरुरी भाग होता है । आर्मेचर कएल के खाँचो पर इन coil को लफेट कर Armature Winding बनाते है ।

Armature Winding Type of Dc Generator in hindi

1Wave Winding
2Lap Winding
dc generator In Hindi

8-Armature Core :

Armature Core– यह एक बेलनाकार होता है ,Armature Core , शाफ़्ट पर लगा हुआ होता है । किसी भी Armature के बहरी भाग पर खांचे होते है । इन्ही खांचे पर आर्मेचर वाइंडिंग होती है । आपको मालूम होना चाहिए की आर्मेचर ही घूमने वाला भाग होता है ।यह चुंबकीय प्रवाह के लिए एक साधारण सा मार्ग प्रदान करता है ।

9- क्षेत्र कुंडल :

Pole Shoe में इस coil को डालते है । इसी में विद्युत धारा प्रवाहित कर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न किया जाता है । इन चुम्बीय क्षेत्र में ही आर्मेचर घूमते है ।

10-पोल कोर और पोल शूज़ :

Pole Shoes in hindi

पोल कोर तथा पोल सू योक में लगे हुए होते है ।पोल शू एक घुमउदार करभ के आकर का होता है । जिस कारण आर्मेचर को अच्छा स्पेस मिल सके । पोल शू को रिपीट के माध्यम से कसा जाता है । किसी भी पोल शू को लैमिनेटेड द्वारा बनाने का मुख्य उद्देश्य एडी करंट को कम करना होता है ।

11- चुंबकीय फ्रेम और योक :

D.C Generator in Hindi

DC- Genetrator , के बॉडी को योक कहा जाता है । चुंबकीय क्षेत्र को उत्पन्न  करने वाले कएल को योक में ही कसा जाता है । किसी भी बड़े जनरेटर का बॉडी जो की कास्ट स्टील या रोल्ड स्टील का बना हुआ होता है । और आगे छोटे मशीन में यह कास्ट आयरन से बना हुआ होता है ।

12- डीसी जनरेटर के चुंबकीय क्षेत्र :

डीसी जनरेटर के चुंबकीय क्षेत्र के कारण ही विधुत वाहक बल उत्पन्न  होती है । इस तरह के चुम्बीय क्षेत्र को उत्पन्न karne के लिए इलेक्ट्रो मैगनेट की मदद ली जाती है ।

FAQ :

Q- डीसी जनरेटर के क्या लाभ हैं?

Ans- डीसी जनरेटर के कई लाभ हैं। कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:

1. स्थिर और निरंतर डीसी उत्पादन,
2. विशेष एप्लीकेशन्स के लिए उपयुक्तता,
3. विभिन्न विद्युतीय प्रणालियों के साथ संगतता

Q- क्या डीसी जनरेटर की उत्पादन क्षमता पर नियंत्रण किया जा सकता है?

Ans- हाँ, डीसी जनरेटर की उत्पादन क्षमता पर नियंत्रण किया जा सकता है। इसके लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि शुंयता का नियंत्रण, कम्यूटेटर को बदलना, और विद्युतीय उपकरणों के विभिन्न उपयोग।

Q- डीसी जनरेटर में कौन-कौन से घटक होते हैं?

Ans- डीसी जनरेटर में दो मुख्य घटक होते हैं: फ़ील्ड कॉइल और कम्यूटेटर। फ़ील्ड कॉइल एक मैगनेटिक फ़ील्ड उत्पन्न करते हैं जो इंद्रियों की मदद से बनता है। कम्यूटेटर यह सुनिश्चित करता है कि उत्पन्न हुई विद्युत धारा एकदिशीय रूप से बहे।

Q- डीसी जनरेटर का उपयोग किस-किस एप्लीकेशन में किया जाता है?

Ans- डीसी जनरेटर का उपयोग विभिन्न एप्लीकेशन में किया जाता है। कुछ मुख्य उदाहरण इसमें शामिल हैं: इलेक्ट्रिक वाहन, सोलर पावर संयंत्र, बैटरी चार्जिंग सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और उपकरण, छोटे और मध्यम आकार के इलेक्ट्रिकल प्रोजेक्ट्स, और विभिन्न औद्योगिक उपयोग।

निष्कर्ष

आज के अपने इस पोस्ट में (Dc generator In Hindi) के बारे में जानकरी दिया , आशा करते है इस पोस्ट को पूरा पढ़े और शेयर जरूर करे ।

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