What is diode in Hindi – पूरी जानकरी

जैसा हम सभी जानते है इलेक्ट्रॉनिक्स में अनेक तरह के कम्पोनेट का उपयोग होता है,उनमे से एक है डायोड आज के पोस्ट में डायोड(What is diode in Hindi) और इसके कार्य करने के सिद्धांत के विषय में हम पूरी जानकारी देंगे ,आपने भी किसी सर्किट में डायोड को जरूर देखा होगा ,लेकिन इसको पहचान नहीं पाए होंगे, इसके उपयोग और कार्य करने के जैसे अनेक पहलु को इस पोस्ट में बातएंगे ।साथ ही अपने इस पोस्ट में टाइप ऑफ़ डायोड के विषय में , डायोड में एनोड और कैथोड का क्या मतलब होता है , ये बाते को जानेगे ।

diode in Hindi
What is diode in Hindi

WHAT IS DIODE IN HINDI – डायोड क्या है ?

डायोड एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो करंट को एक ही दिशा में फ्लो करने की अनुमति देता है । किसी भी डायोड में 2 टर्मिनल होते है । जिनमे एक एनोड और दूसरा कैथोड होता है । कैथोड जो की -ve टर्मिनल होता है , जबकि एनोड + ve टर्मिनल होता है । डायोड जो की एक semi-कंडक्टर, डिवाइस होता है ।

किसी भी डायोड में 2 टर्मिनल होते है , अगर आप कोई डायोड को देखते है , तो आपने ध्यान दिया होगा डायोड के एक तरफ एक उजले रंग की स्ट्रिप होती है , उजले स्ट्रिप वाले भाग को कैथोड कहा जाता है , जो की -ve टर्मिनल होता है और anode जो की dusre तरफ के भाग को कहा जाता है और vo +ve टर्मिनल होता है ।

Diode Uses in Hindi :

इसका इस्तेमाल अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जिनमे की सिग्नल लिमिटर , रेक्टिफिएर मॉडुल , इत्यादि अनेक डिवाइस में डायोड लगे हुए होते है । डायोड मुख्य रूप से AC करंट को DC- करंट में बदलने के लिए अधिक इस्तेमाल होता है । इसका इस्तेमाल तापमान को मापने के लिए भी किया जाता है । किसी भी सर्किट में करंट के दिशा को मोड़ने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है ।

1इसका इस्तेमाल तापमान को मापने के लिए भी किया जाता है ।
2डायोड मुख्य रूप से AC करंट को DC- करंट में बदलने के लिए अधिक इस्तेमाल होता है ।
3किसी भी सर्किट में करंट के दिशा को मोड़ने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है ।
4Over voltage प्रोटेक्शन के लिए Diode का यूज़ किया जाता है

Working Principle of Diode in Hindi :

किसी भी डायोड के कार्य करने के तरीके 2 तरह से होते है ।

1Forward Bias 
2Reverse Bias
Working Principle of Diode in Hindi

1. Forward Bias Diode :

इस कार्य पद्ति में डायोड के +ve भाग एनोड को बैटरी के +ve भाग से जोड़ा जाता है । बैटरी के -ve भाग को कैथोड से जोड़ा जाता है , इस तरह के कनेक्शन के कारण करंट का फ्लो होता है ।

2. Reverse Bias Diode :

इस कार्य पद्ति में डायोड के +ve भाग एनोड को बैटरी के -ve भाग से जोड़ा जाता है , डायोड के -ve भाग कैथोड को बैटरी के +ve भाग से जोड़ा जाता है , इस तरह के कनेक्शन के कारण ही करंट का फ्लो नहीं होता है ।

Types of Diode in Hindi – डायोड के प्रकार

किसी भी डायोड को उनके उपयोग के आधार पर ही विभाजित किया जाता है । आज अपने इस पोस्ट में 23 तरह के डायोड के बारे में बतायेगे ।

1Small signal diode
2Large signal diode
3Zener diode 
4Avalanche diode
5TVS Diode
6Gunn diode
7LED
8Laser diode
9Constant current diode
10Varactor diode
11Schottky Diode
12Super barrier diode
13Shockley diode
14Step recovery diode
15PIN Diode
16Tunnel diode
17Photo diode
18Gold doped diode
19Crystal diode
20Vacuum diode
21Peltier diode
22SCR Diode
23Point contact devices diode
what is diode in Hindi

कुछ अधिक उपयोग होने वाले डायोड के बारे में विस्तार से बात करते है ।

Zener Diode in hindi

इस डायोड के अविष्कार Clarence Zener ने साल 1934 में किया था । यह एक साधाहरण डायोड के तरह ही विद्युत करंट को एक दिशा में फ्लो होने देता है , लेकिन जब वोल्टेज ब्रेकडाउन वोल्टेज से अधिक हो जाता है तो यह Reverse Bias कार्य पद्धति पर कार्य करने लगता है , इसका अविष्कार अचानक से बढ़ने वाले वॉल्ट्ज से बचाव के लिए किया गया था । यह एक तरह से वॉल्ट्ज रेगुलेटर के रूप में भी कार्य को करता है ।

Constant Current Diodes

इस तरह के डायोड का मुख्य कार्य वोल्टेज को एक निश्चित करंट पर ही रखना होता है । इस कारण से ही इसको करंट लिमिटेड डायोड कहा जाता है ।

Shockley Diode  –

इस तरह के डायोड का अविष्कार William शॉकलेय ने किया था , यह डायोड का नाम उनके नाम पर ही है ,यह पहला डायोड Pnpnलेयर वाला सेमीकंडक्टर था ।

Light Emitting Diode (LED)-

इस तरह डायोड जो की इलेक्ट्रिकल ऊर्जा को लाइट ऊर्जा में बदलने के लिए उपयोग में लाया जाता है ।इस डायोड का अविष्कार वर्ष 1968 में हुआ था । यह डायोड जो की Forward Bias  कार्य पद्द्ति पर कार्य करता है । सबसे पहले इस डायोड को इंडक्टर लैम्प में उपयोग किया गया था । आज के समय में इसका बड़े अस्तर पर प्रयोग होता है , खास कर cctv- कैमरा में ।

Tunnel Diode

इस तरह के डायोड का इस्तेमाल बहुत तेज़ी से स्विच करने के लिए किया जाता है । इस तरह के डायोड का अविष्कार साल 1957 में Leo Esaki  ने किया था। इस डायोड को इस्तेमाल तेज़ स्विचन जो की नैनो सेकंड में करना हो उस जगह पर इस्तेमाल किया जाता है ।

Laser Diode

यह डायोड लेज़र बीम को बनता है , इसका उपयोग आज के समय में फाइबर नेटवर्क में अधिक किया जाता है । यह Light Emitting Diode (LED) तरह ही कार्य करता है ।

Varactor Diode

यह एक वैरियेबल कैपीसिटर जैसा कार्य को करता है , इसका इस्तेमाल मोबाइल फ़ोन , सेटेलाइट में किया जाता है ।

Schottky Diode

इस तरह के डायोड वोल्टेज कम ड्राप करती है , इसमें धातु की मात्रा के उपयोग होने के कारण यह Diode बहुत अधिक मात्रा में करंट फॉलो की क्षमता को रखती है ।

FAQ :

Q- Ideal Diode क्या है ?

Ans- यह एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है , जब इसमें करंट को Forward Bias में दिया जाता है तो यह उस हिसाब से कार्य करता है , जब Reverse Bias में करंट दिया जाता है तो ये उस हिसाब से कार्य करता है ।

निष्कर्ष :

आज के अपने इस पोस्ट में डायोड के बारे में जानकारी दिया , आशा करते है पोस्ट आपकी जरूरत को पूरा करते हुए आपके जानकारी को बढ़ने में मदद करेगा ।

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